जब आप रात में थके – हारे सारा काम करके सोते है, और उस समय आपको खर्राटो की आवाज सुनाई दें, तो उस टाइम आपकी नींद ही नहीं बल्कि आप अगले दिन खुद में चिड़चिड़ापन महसूस करेंगे। वैसे तो खर्राटे लेना कोई बड़ी परेशानी नहीं है। हमारी बढ़ती उम्र के साथ व बढ़ती बीमारियों की वजह से खर्राटे आना एक आम बात है। किन्तु आज के समय में बड़े जनों को ही नहीं बल्कि छोटो को भी खर्राटे आते है, जो थोड़ा – सा एक चिंता का विषय हो सकता है। कम उम्र में ही खर्राटे आने के कई कारण हो सकते हैः-
अधिक से ज्यादा वजन होना,
आज के समय में हमारे सारे काम फोन व लैपटॉप से जुड़े होते है। जिसके कारण लोगो को कही जाने की आवश्यकता ही नहीं होती। वह एक जगह ही बैठे – बैठे ही काम करते रहते है। यह एक मुख्य कारण है, हमारा मोटापा बढ़ने का। दरअसल जब हम अपने शरीर को हिलाएंगे ही नहीं तो वजन घटने की जगह बढेगा ही, जिसके कारण हमे खर्राटे आते है, क्योंकि वजन बढने के कारण हमारें गर्दन के पास एकस्ट्रा टीशूज जमा हो जाता है जिसकी वजह से वायुमार्ग के पास का साइज छोटा होने लगता है। जिसकी वजह से वायुमार्ग की जगह सिकुड़ने लगती है। और खर्राटे आने जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। अगर आप डेली सुबह को पांच मिनट भी एक्सरसाइज करेंगे तो इससे आपके वजन घटने पर भी नहीं, बल्कि खर्राटे कम होने के आसार भी बढ़ जाएंगे।
नाक से सांस न लें पाना,
जब ठंडा मौसम आता है, तो उस समय ठंडी हवा चलने के कारण हमें नजला, जुकाम, खांसी जैसी परेशानियों से जूझना पड़ता है। जिसके कारण हमें सांस लेने में भी काफी समस्या होती है। और इसके कारण हमारी नाक भी बंद हो जाती है। कुछ लोगो को किसी चीज से एलर्जी की समस्या होती है। इसके कारण भी नाक बंद हो जाती है। जिसकी वजह से वायुमार्ग में हवा का फ्लो कम हो जाता है। और हमें खर्राटे आने लगते है।
स्लीप एप्रिया बीमारी के कारण,
यह बीमारी हमारी नींद से जुड़ी होती है, वैसे तो यह एक कॉमन समस्या होती है। दरअसल इस परेशानी में हमारें शरीर के वायुमार्ग नींद के दौरान आंशिक रुप से बंद हो जाती है। जिसकी वजह से लोग ओर जोर – जोर से खर्राटे लेंने लगते है।