सर्दियों में अक्सर ठंड ज्यादा होने की वजह से लोगों को बहुत सी परेशानियां होने लगती है. भारत की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद ही गंभीर है. साथ ही आसपास के दिल्ली से लगे हुए शहर भी इसकी चपेट में आ जाते हैं वहां भी पॉल्यूशन का स्तर लगभग एक जैसा ही है. बढ़ते पॉल्यूशन की वजह से सर्दियों में “lungs” में परेशानी बढ़ने लगती है. जिस वजह से सांस लेने में दिक्कत आने लगती है. स्वसन नाली में पॉल्यूशन की वजह से गंदगी वह बलगम इकट्ठा हो जाता है.
इसलिए सर्दियों में रेस्पिरेटरी सिस्टम के लिए ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है. पॉल्यूशन और ज्यादा ठंड से फेफड़ों में दिक्कत होने लगती है. आईए जानते हैं सर्दियों में बढ़ते पॉल्यूशन और ठंड से फेफड़ों को कैसे बचा सकते हैं.
फेफड़ों को कैसे रखें सुरक्षित-
इम्यूनिटी हेल्थ
अपने रोजमर्रा के कामों में कुछ बदलाव लाकर और अपने खानपीन में सुधार करके इम्यूनिटी को बेहतर किया जा सकता है. शारीरिक गतिविधियां करें. वॉकिंग करना, साइकिलिंग करें जिससे शरीर के इम्यूनिटी को बेहतर परिणाम मिलेंगे. विटामिन सी से भरपूर फल खाएं, भरपूर नींद ले, अच्छी मात्रा में पानी पिए.
एयर प्यूरीफायर
सर्दियों में प्रदूषण की मात्रा अक्सर बढ़ जाती है. जिस वजह से सांस लेने में दिक्कत बेहद होने लगती है. इस समय एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करके अपने घर की हवा को प्यूरिफाई कर सकते हैं साथ ही सांस लेने में भी दिक्कत नहीं रहेगी.
बॉडी में ड्राइनेस
सर्दियों में नमी की कमी होने की वजह से शरीर में भी ड्राइनेस आ जाती है. जिससे रेस्पिरेटरी सिस्टम पर भी असर पड़ता है. सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और भी बहुत सी दिक्कत होने लगते हैं जैसे स्किन संबंधी समस्याएं, गले में खराश, साइनस की दिक्कत हो सकती है.
अच्छी डाइट ले
सर्दियों में अगर बढ़ते पॉल्यूशन और ठंड से बचे रहना चाहते हैं. वह फेफड़ों को स्वस्थ रखना चाहते हैं. हेल्दी डाइट जरूर लें . खाने के साथ सलाद जरूर खाएं चुकंदर, टमाटर ,मूली/ गाजर,हरी पत्तेदार सब्जियां अपनी डाइट में शामिल करें. दही, जैतून का तेल आदि अपनी डाइट में शामिल करें.
स्टीम ले (भाप)
भाप लेने के अनगिनत फायदे होते हैं. रेस्पिरेटरी सिस्टम को साफ करने का काम करती है, भाप. गले की खराश में आराम देती है. साथ ही जमा हुआ बलगम को भी खत्म करने में सहायक होता है. भाप लेने से सांस लेने में बेहद आसानी हो जाती है.
अस्वीकरणः- यह आर्टिकल सामान्य जानकारी प्रदान करता है। हेल्दी चर्चा इसकी पुष्टि नही करता क्योंकि यह कोई डॉक्टरी सलाह नहीं है।