आजकल के लाइफस्टाइल में लोगों की स्मोकिंग करना आदत बन चुकी है. बहुत सारे लोग इस स्मोकिंग करना अपना स्टाइल समझते हैं. धूम्रपान करने से आंखों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. जिस वजह से आंखों की रोशनी भी जा सकती है.
अगर आप रेगुलर में धूम्रपान कर रहे हैं तो यह आपके रेस्पिरेटरी और हृदय स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभावों को बढ़ाता है.
धूम्रपान से होने वाले नुकसान-
मोतियाबिंद
जो लोग धूम्रपान करते हैं उनमें मोतियाबिंद होने की संभावना तीन प्रतिशत ज्यादा होती है. धूम्रपान से आंखों की रोशनी में तो कमी आती ही है साथ ही संवेदना शीलता को भी खत्म कर देती है. आंखों की धुंधलापन होने के कारण भी वस्तुएं साफ नहीं दिखाई देती है.
मैकुलर डिजरटिशन
अगर आप धूम्रपान ज्यादा करते हैं ,तो इससे मैक्यूलर डिजनरेशन का खतरा काफी बढ़ जाता है। उम्र से संबंधित मैक्यूलर डिजनरेशन बुजुर्गों में होने वाले विजन लॉस का एक प्रमुख कारण है। यह बीमारी धीरे-धीरे विजन को खराब कर देती है, जिससे व्यक्ति की पढ़ने, गाड़ी चलाने और चेहरे पहचानने की क्षमता कम हो जाता है.
सेकंड हैंड स्मोक
आसपास मौजूद लोगों की भी नुकसान होता है. धूम्रपान की वजह से होने वाले धुएं की वजह से आसपास मौजूद लोग सेकंड-हैंड स्मोकिंग का शिकार हो जाते हैं, तो उनके लिए हानिकारक हो सकता है.सेकंड हैंड धुएं में सांस लेने से सिर्फ सेहत ही नहीं, आंखों से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं.इसमें ड्राई आई सिंड्रोम से लेकर ऑप्टिक नर्व डैमेज जैसी गंभीर स्थितियां शामिल हैं.
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नोटः- आज के समय में कई बार आपने देखा होगा कि कम उम्र के बच्चे भी धूम्रपान करना शुरू कर देते हैं। धूम्रपान केवल फेफड़े ही नहीं बल्कि हमारी सेहत के लिए हर तरह से बेकार ही होता है उसके लिए हमे इसके सेवन से दूरी बनानी जरूरी है।
अस्वीकरणः- यह आर्टिकल सामान्य जानकारी प्रदान करता है। हेल्दी चर्चा इसकी पुष्टि नही करता क्योंकि यह कोई डॉक्टरी सलाह नहीं है।