प्रेगनेंसी के दौरान अगर महिलाओं का मोटापा बढ़ रहा है तो परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. मां और बच्चे दोनों के लिए घातक हो सकता है. मोटापे की वजह से प्रेगनेंसी के दौरान बीमारियों का खतरा होता है जैसे डायबिटीज, मोटापा,प्रीएक्लेंप्शिया, गर्भपात और टर्म बर्थ में समस्या आने लगती है.
प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा वेट होने की वजह से बच्चे के विकास में रुकावट वह जन्म से ही बीमारियों का खतरा बना रहता है मोटापा एक ऐसी समस्या है जो प्रेगनेंसी के दौरान महिला और बच्चे दोनों को ही परेशानी होती है क्योंकि यह एक मेटाबॉलिक बीमारी है. जिस वजह से बॉडी में फैट बढ़ने लगता है. फैट बढ़ने के कारण शरीर के फंक्शन में बदलाव आने लगते हैं. जिसके कारण कई खतरनाक बीमारी लग सकती हैं जैसेजिनमें हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, कैंसर और डायबिटीज बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
लाइफस्टाइल को बेहतर बनाएं-
मोटापे से बचने के लिए खान-पान पर ध्यान जरूर दें. फाइबर युक्त पदार्थ खाएं जिससे शरीर बेहतर तरीके से कम कर सकता है. रिप्रोडक्टिव हेल्थ को सुधारने का काम करें.
अगर आप अपना वजन कम करके रखते हैं तो मेंसुरल साइकिल सही समय से चलती है. जिससे से कंसीव करने में परेशानियां नहीं होती है.
कैसे जाने मोटापे से ग्रस्त है या नहीं
Bmi इंडेक्स का प्रयोग करके मोटापे से ग्रस्त लोगों का पता लगाया जा सकता है. 18 से 25 के बीच में नॉर्मल स्थिति होती है. 25 की स्थिति को ओवरवेट कहा जाता है और 30 Bmi को मोटापे की स्थिति मानी जाती है.
प्रेगनेंसी से जुड़ी समस्याएं
मोटापे की वजह से महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान भी काफी खतरनाक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.जिनमें प्रीटर्म बर्थ यानी समय से पहले डिलीवरी होना और सिजेरियन डिलीवरी शामिल हैं.इनकी वजह से मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
जेस्टेशनल डायबिटीज और हाइपरटेंशन की दिक्कत
हाइपरटेंशन की वजह से मां में हार्ट की बीमारियों का दिक्कत बढ़ जाता है.हाइपरटेंशन की वजह से स्ट्रोक का खतरा भी रहता है, जो जान का जोखिम भी साबित हो सकता है. इसके अलावा, हाइपरटेंशन के कारण प्री-एक्लेमप्सिया का जोखिम भी बढ़ जाता है. जो बच्चे और मां दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
यह एक प्री -एक्लेमप्सिया ऐसी कंडीशन होती है.जिसमें ब्लड वेसल्स के साथ परेशानी की वजह से प्लासेंटा ठीक से विकसित नहीं हो पाता है.इसका एक प्रमुख कारण हाइपरटेंशन होता है. इसका प्रभाव दिल, लिवर और किडनी पर भी पड़ता है. साथ ही, यह भविष्य में होने वाली प्रेग्नेंसी में भी परेशानियां खड़ी कर सकता है.
मोटापे की वजह से कई बार जेनेटिक बदलाव होते हैं.जो माता-पिता से बच्चों में जा सकते हैं इस वजह से इंटर जनरेशनल डायबिटीज हो सकता है. इसलिए स्थिति में डॉक्टर से सलाह जरूर करें. वजन को कंट्रोल करने में मदद ले.
अस्वीकरणः- यह आर्टिकल सामान्य जानकारी प्रदान करता है। हेल्दी चर्चा इसकी पुष्टि नही करता क्योंकि यह कोई डॉक्टरी सलाह नहीं है।