मौसम के बदलने पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता हैं.ज्यादातर बीमारीयों के लक्ष्ण एक ही तरह के होने के कारण कौन सी बीमारी है,पता नहीं चल पाता इस लिए फ्लू और कोरोना में यहीं जानना बेहद मुश्किल हो जाता है.यह सभी बीमारी श्वास से जुड़ी हुई हैं इसलिए छींकते,खांसते और किसे के संपर्क में आने से बीमार पड़ने लगते है,और य़ह बीमारीयों जल्दी ही फैल जाती है.आए जानते है इनके लक्षण और इससे बचने के उपाय.
मौसम के बदलने से एलर्जी –
इस मौसम में पराग से स्वास् तंत्र में इंफेक्शन होता है.और कई बार यह बीमारी इतनी बढ़ जाती है.की सालों साल तक बनी रहती है इसलिए इसमें डॉक्टर की सलाह लेना या डॉक्टर द्वारा चिकित्सा करना जरूरी है.
क्या-क्या लक्षण है-
-छींक आना .
-आंखों का लाल होना.
-आंखों में खुजली और नमी आना.
मौसमी फ्लू होना-
यह स्वास्थ्य संबंधित बीमारी है जो इन्फ्लूएंजा वायरस से फैलता है. यह बीमारी एक दूसरे के संपर्क में आने से जल्दी फैलती है, इसलिए इसे संक्रामक बीमारी कहते हैं.
लक्षण क्या-क्या है-
– फ्लू से बुखार हो जाना.
– बेचैनी होना.
– मस्कुलर पेन होना.
– शरीर में थकान लगना.
करोना होना-
करोना एक विश्व में होने वाली बहुत ही जानलेवा बीमारी है,स्वास् लेने वाली नलियां को प्रभावित करती है. धीरे-धीरे शरीर के अंदर रहकर स्वास् लेने वाले तंत्र को खत्म कर देता है और जानलेवा बन जाती हैं.
क्या-क्या लक्षण है
-सिर और शरीर में दर्द रहना
-नाक बहना और गले में खराश होना
-सांस लेने में दिक्कत
-सूखी खांसी होना
-बुखार का कई कई दिनों तक होना
मौसमी एलर्जी, फ्लू और कोरोना में क्या-क्या असमानताएं हैं-
-करोना से होने वाली बीमारियां सांस लेने वाली सभी नसों को प्रभावित करती है, मौसमी एलर्जी मैं बदलते मौसम के कारण शरीर के प्रतिरक्षण पर आघात करती है.फ्लू हमारे शरीर को एक दूसरे के संपर्क में आने से होने वाली बीमारी को फैलाते है.
-कोरोना मे सूखी खासी,फ्लू मे खासी के साथ नाक भी बहती है, मौसमी एलर्जी में बहुत कम ही खांसी होती है.
-कोरोना में सामान्य फ्लू से ज्यादा बुखार होता है. मांसपेशियों में भी दर्द रहता है, जबकि मौसमी एलर्जी में दर्द नहीं होता बस बॉडी वीकनेस रहती है.