इस विषय पर चर्चा करने से पहले हम यह जानेंगे कि सूखी खांसी क्या होती है? कहने को तो सूखी खांसी नॉर्मल होती है, लेकिन जब यह खांसी उठती है। तो रुकने का नाम नहीं लेती है। जिसकी वजह से हमे बहुत परेशानी होती है। सूखी खांसी ज्यादातर फेफड़ो की समस्याओं से होती है। जैसेकि अधिक धूम्रपान करना, सर्दी जुकाम, तले हुए व्यंजन खाना, ठंडी चीजे ज्यादा खाना और बढ़ते प्रदूषण के कारण, इत्यादि। वैसे तो सूखी खांसी का असर 2-3 हफ्तों तक रहता है। लेकिन वायरस इंफेक्शन के कारण यह परेशानी अधिक समय तक बढ़ जाती है। और यह परेशानी छोटे बच्चों को 3-4 हफ्तों तक रहती है।
सूखी खांसी को बढ़ाने के खतरे
अधिक धूम्रपान करनाः- सभी लोग धूम्रपान को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताते है। और यह सभी कारणों में से एक मुख्य कारण हो सकता है, क्योकि धूम्रपान का धुआँ सीधा हमारे फेफड़ों तक जाता है। जिसकी वजह से धुएँ के कारण जो विषक्त पदार्थ उत्तन्न होते है, वह सीधा हमारे फेंफड़ों पर अपना असर डालते है।
वस्तु या पदार्थ से एलर्जीः- कई लोगों को किसी न किसी चीज से एलर्जी होती है, जैसेकि धूल मिट्टी से, फूलों से, परफ्यूम से। जिसकी वजह से उन वस्तुओं के टच में आने से सूखी खांसी का खतरा पैदा हो सकता है।
प्रदूषित हवा के कारणः- वातावरण के कारण भी सूखी खांसी का खतरा बन सकता है, क्योकि जब हम बहार जाते है, तो उस समय हमें कई चीजों का सामना करना पड़ता है, जैसेकि- प्रदूषित हवा, फैक्ट्रियों से आता धुआँ, हवा में उड़ती मिट्टी की धूल आदि।
बीमार व्यक्ति के संपर्क में आनाः- जिन लोगो को सूखी खांसी जैसी बीमारी होती है, या फिर उन्हे हल्की खांसी या जुकाम होता है। तो आप लोग कोशिश करें के उनके संपर्क में कम आए और अगर आप उनसे मिल रहे है, तो अपने फेस पर मास्क लगा कर रखे। ताकि आप उस संक्रमन के संपर्क में न आए।
खुद को हाइजिन न रखनाः- हम खाना खाने से पहले अपने हाथ धोने में कामचोरी कर लेते है, जिसके कारण वह किटाड़ों हमारे पेट में जाते है और उसके कारण भी हमारी सूखी खांसी बढ़ सकती है। हम अपने आस-पास का माहौल स्वच्छ नहीं रखते जिसके कारण भी हमें खांसी व बीमार पढने का खतरा बढ़ सकता है।