सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर का प्रकार है. महिलाओं में सबसे ज्यादा मौत का कारण सर्वाइकल कैंसर भी बनता है. कैंसर के प्रति हर साल जनवरी महीने में लोगों में अवेयरनेस फैलाई जाती है. अभी जानते हैं लोगों के द्वारा फैलाई गई सर्वाइकल कैंसर की भ्रांतियां
सर्वाइकल कैंसर गंभीर बीमारी होने के कारण यह किसी भी व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है. सर्वाइकल कैंसर महिलाओं की गर्भाशय ग्रीवा में ही पैदा होता है. उसके ज्यादातर केस में ह्यूमन पैपिलोमा वायरस से जुड़े होते हैं. इसे एचपीवी भी कहा जाता है. यह
यौन संपर्क में आने से फैलता है. एचपीवी से संबंधित ज्यादातर मामलों में यह अपने आप सही होने लगता है. लगातार संक्रमण का खतरा बने रहने से महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है.
सर्वाइकल कैंसर से संबंधित भ्रांतियां
-भ्रांति
पेप टेस्ट की जरूरत हर साल होती है
-सच
अगर महिलाओं का एचपीवी टेस्ट व पिप टेस्ट नॉर्मल है, इस स्थिति में हर साल दोनों टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है
-भ्रांति
सर्वाइकल कैंसर के कारण महिलाएं माँ नहीं बन सकती
-सच
बहुत से ऐसे ट्रीटमेंट की जा सकते हैं जो प्रजनन की क्षमता को बढ़ाने में कारगर होते हैं. इसमें रिप्रोडक्टिव प्रक्रिया को इस्तेमाल में लाकर अंडों को फ्रीज करने में सहायता ले सकते हैं. सर्जरी दौरान ओवरसीज को बाहर निकाल सकते हैं. जिससे रेडिएशन का नुकसान ओवरी को ना हो.
-भ्रांति
सर्वाइकल कैंसर का कारण अज्ञात होता है
-सच
ज्यादा सर्वाइकल कैंसर एचपीवी क्यों वायरस के कारण होता है. यह एक यौन संचारित संक्रमण है.
-भ्रांति
सर्वाइकल कैंसर का कोई लक्षण ना होने पर, स्क्रीनिंग टेस्ट की जरूरत नहीं होती है.
-सच
स्क्रीनिंग टेस्ट का इस्तेमाल असमान्य सेल का परिवर्तित होने का पता लगाने के लिए स्क्रीनिंग का उपयोग किया जाता है. असामान्य सर्वाइकल सेल पहले कोई लक्षण पैदा नहीं करते, स्क्रीनिंग टेस्ट करके इसका पटाया लग जा सकता है.
-भ्रांति
सर्वाइकल कैंसर जेनेटिक है.
-सच
सर्वाइकल कैंसर जेनेटिक है.यह बात गलत है. एचपीवी के कारण होती है. इसलिए जरूर ध्यान दें. कि अगर आपके घर में कोई 15 साल की लड़की है तो उसे एचपीवी का टीका जरूर लगवाएं.
-भ्रांति
एचपीवी पॉजिटिव होने पर, सर्वाइकल कैंसर का खतरा रहता है
-सच
एचपीबी में वायरस के बहुत सारे प्रकार होते हैं. जिनमें से कुछ में सर्वाइकल कैंसर का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. और के में बिल्कुल भी खतरा नहीं होता. शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस को अपने आप खत्म कर देती है. बहुत सारे केस मे वायरस बाहर नहीं निकल पाता और कैंसर हो जाता है.
-भ्रांति
एचपीबी संक्रमण खुद से खत्म हो जाता है
-सच
बहुत से केस में एचपीबी अपने आप सही हो जाता है. लेकिन अगर कैंसर बना रहता है तो सर्वाइकल कैंसर, ओरल कैंसर व पेनीकल कैंसर हो सकता है.
अस्वीकरणः- यह आर्टिकल सामान्य जानकारी प्रदान करता है। हेल्दी चर्चा इसकी पुष्टि नही करता क्योंकि यह कोई डॉक्टरी सलाह नहीं है।