डेली रूटीन में जब भी हम यूरिन पास करते हैं पेशाब करते हैं तो यूरिन का रंग कभी सफेद ट्रांसपेरेंट, हल्का पीला कई बार नारंगी देखने को मिलता है. यह इसलिए होता है क्योंकि शरीर में पानी की कमी हो जाती है या कई लोग डेली रूटीन में कम पानी पीते हैं तो उनका पेशाब करूं पीला रहने लगता है जिससे पेशाब एसिडिक हो जाता है. पानी पीने से यूरिन का रंग ट्रांसपेरेंट व सफेद हो जाता है. सही मात्रा में पानी पीने से सोडियम और पोटैशियम इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा संतुलन में रहती है. जिससे पोषक तत्वों की कमी नहीं होती और शरीर को भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पहुंचने में मदद करता है और खून का दौरा भी बढ़ जाता है. पानी पानी ज्यादा पीने से किडनी में इकट्ठा हुआ वेस्ट पानी द्वारा यूरिन से पास हो जाता है.
और शरीर में पानी की कमी से बहुत सारी दिक्कतें आने लगती हैं. जब शरीर में पानी की कमी होती है तो किडनी पानी को रोक कर किडनी में जो व्यर्थ पदार्थ होते हैं उसे निकाल देता है वह को रोक लेता है. पानी कम पीने से आदमी आलसी होने लगता है, शरीर की इम्युनिटी कम लगने लगती है, किसी भी काम को करने में शरीर में कमजोरी लगने लगती है, दिमाग में भी कमी आने लगती है इससे चक्कर आने का भी खतरा रहता है. खून में कमी होने लगती है जिससे ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है. कैसे स्थिति मांसपेशियों में चोट लगना वह रैबडोमायोलिसिस जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती है. जिससे शरीर में व्यर्थ के पदार्थ इकट्ठे हो सकते हैं जो एसिडिक प्रॉब्लम को बढ़ा देती है.
डिहाइड्रेशन का खतरा किन लोगों में ज्यादा पाया जाता है
– जो लोग कम पानी पीते हैं
– जिन लोगों की डायबिटीज यानी शुगर वह ब्लड प्रेशर की दवाइयां चल रही हों
– डिप्रेसिव लोगों को वह न्यूरोलॉजिकल डिजीज से पीड़ित मरीज में
– छोटे बच्चे जो पानी पीने पर ध्यान नहीं देते, वह बड़े बुजुर्ग जो खुद से पानी नहीं पी सकते.
पानी की कमी को पूरा करने के लिए क्या खा सकते हैं वह क्या रुटीन बनाएं जिससे शरीर में पानी की कमी ना रहे
– फल व सब्जियां जरूर खाएं
– तरी वाली सब्जियां खाएं
– पूरे दिन में 4 से 6 लीटर पानी जरूर पिए
– डेयरी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें दही, मट्ठा, दूध, लस्सी आदि का प्रयोग करें.
अस्वीकरणः- यह आर्टिकल सामान्य जानकारी प्रदान करता है। हेल्दी चर्चा इसकी पुष्टि नही करता क्योंकि यह कोई डॉक्टरी सलाह नहीं है।