नॉर्मल लाइफ में बहुत ही आम है कभी बच्चे गलतियां करते हैं तो उनके माता-पिता उन्हें समझाने के लिए और अनुशासित करने के लिए मारते हुए देखा होगा,या कई बार डांट लगाते हुए भी देखा जाता है.कई बार माता-पिता को मारना ही अच्छा परिवेश के लिए जरूर लगता है.और वह अपने बच्चों को डांटकर अपना गुस्सा जाहिर करते हैं. यह दुनिया भर में बहुत नॉर्मल है. दुनिया के 65 देश में बच्चों पर हाथ उठाने पर प्रतिबंध है.इसके बावजूद भी बच्चों के सुधार के लिए यह व्यवहार उनसे करते है.
लेकिन अब इस सोच में बहुत बदलाव आया है और कई माता-पिता यह माना है,की बच्चों को सुधारने के लिए उन्होंने अपने बच्चों को मारा है.
क्या हिंसक है शारीरिक दंड-
बच्चों को शारीरिक कष्ट देना हिंसा का एक मामूली सा प्रकार है. इसमें आमतौर पर बच्चों पर हाथ उठाना शामिल है इसमें थप्पड़ मारना लकड़ी के चम्मच से बेल्ट से अन्य उपकरणों का का प्रयोग करना शामिल है. इससे कई बार बच्चों का व्यवहार और खराब हो जाता है और और गुस्सा हो जाते हैं बच्चे और ज्यादा आक्रामकता दिखाने लगते हैं. इसके अलावा भी कई तरीके हैं जिससे बच्चों को अच्छे व्यवहार से ही बिना हाथ उठाएं व्यवहारिक बनाया जा सकता है.
वायलेंस करने से क्या-क्या असर होता है बच्चों पर –
-बच्चे मे चिड़चिड़ा पन दिखाए देने लगता है.
– बच्चे और शरारती हो जाते हैं, गुस्सा और मारने करने के कारण.
– कई बार बच्चे डिप्रेशन से घिर जाते हैं, जिससे और भी गंभीर बीमारियां बच्चों को हो जाती हैं. इसलिए मार या डॉट एक लिमिट में ही होनी चाहिए.
क्या करें जिससे बच्चे वायलेंस का शिकार ना हो-
– अगर बच्चे कोई बात नहीं मान रहे हैं तो उन्हें बात कर बातें प्यार से बताएं क्या सही क्या गलत होता है
– अगर वह डिप्रेसिव हुए हैं डॉक्टर से सलाह ले. डॉक्टर की सलाह अनुसार ही चले. आगे से यह ध्यान रखें बच्चों पर गुस्सा नहीं करें, कुछ भी बताना है प्यार से समझा आक्रामक ना बने.