जातर लोगों का यही मानना है,कि अर्थराइटिस बुजुर्गों व ज्यादा उम्र के लोगों में ही होता है. लेकिन ऐसा नहीं है अर्थराइटिस किसी भी उम्र में फैल सकता है. अगर आर्थराइटिस बीमारी का उपचार करना है तो अपनी दिनचर्या में बदलाव लाना होगा. साथ ही अपने खान-पी में भी बदलाव करना जरूरी होता है. तभी अर्थराइटिस जैसी बीमारी से बचा जा सकता है.
आईए जानते हैं अर्थराइटिस
अर्थराइटिस जोड़ों के टेंडनंस में सूजन आने को ही अर्थराइटिस कहते हैं. जिस वजह से जोड़ों में मूवमेंट करना बेहद मुश्किल हो जाता है. सूजन भी बढ़ जाती है. साथ ही दर्द भी रहने लगता है. बढ़ती उम्र में हड्डियों में कमजोरी आना अर्थराइटिस की पहचान होती है. बहुत वरिया है चोटिल होने की वजह से भी हो सकता है.
अर्थराइटिस के लिए क्या उपाय करें
सिगरेट आदि न पिए
ज्यादा स्मोकिंग करने से शरीर में मौजूद टिशूज डैमेज होने लगते हैं. जो हमारी सेहत के लिए घातक हो सकता है. पैसिव स्मोकिंग भी करना छोड़ें, व स्मोकिंग करना भी बंद करें यह आपके शरीर के लिए बेहद घातक हो सकता है.
शारीरिक गतिविधियां करना
शारीरिक गतिविधियां करना अर्थराइटिस के मरीजों के लिए बेहद जरूरी होता है. जिससे मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं. और हड्डियों के जॉइंट के मूवमेंट में बेहद फायदेमंद होता है. वेट उठाने में भी मदद मिलती है. साथ ही वेट कंट्रोल करने में भी बेहद फायदेमंद होती है शारीरिक गतिविधियां. जैसे रनिंग, जिमिंग, वॉकिंग, व्यायाम, साइकिलिंग आदि करने के बेहद फायदे होते हैं.
वेट लॉस में फायदा
ज्यादा ज्यादा वजन होने से घुटनों पर असर पड़ता है. ज्यादा प्रेशर पढ़ने की वजह से घुटनों में दर्द बढ़ सकता है वह चोटिल होने का भी खतरा रहता है. हड्डियां भी बढ़ती उम्र में कमजोर होने लगती है. इसलिए वेट लॉस जरूर करें. जिस जॉइंट पर पड़ने वाला प्रेशर खत्म किया जा सकता है.
हेल्दी डाइट
अर्थराइटिस में हेल्दी डाइट लेने के बेहद फायदे होते हैं. हेल्दी डाइट लेने से हड्डी को मिलने वाले पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मिल जाते हैं. साथ ही हेल्दी डाइट लेने से बहुत सारी बीमारियों में फायदा मिलता है. हड्डियों को मजबूत बनाते हैं साथ ही डाइजेशन सिस्टम के लिए भी अच्छा होता है. बहुत सारे विटामिनों की कमी को पूरा करते हैं मैग्नीशियम, पोटेशियम, कैल्शियम विटामिन सी, भरपूर एंटीऑक्सीडेंट आदि भरपूर मात्रा में मिल जाते हैं.